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Friday, January 23, 2015

TIPS FOR HAPPY AND SENSIBLE LIFE STYLE***खुशहाल और दिव्य जीवन की और



वास्तविक कमाई***REAL EARNING

1. जीवन  में  कोई  भी  कार्य  करते  समय  हमारी  मानसिकता 
    यह  कभी नहीं  होनी चाहिये जिससे  किसी  दूसरे  का  तनिक
    भी  अहित  हो ***   
     

 2. जिस तरह का व्यवहार हमें खुद को पसंद ना हो उस तरह का 
     व्यवहार किसी दूसरे के साथ भी ना करें यही इंसानी धर्म है*** 



3. इस दुनिया में जो भी पैदा होता है वो अपना भाग्य साथ ले कर 
    पैदा होता है और अगर हम ऐसा सोचें की हम किसी को कुछ दे 
    रहें हैं अथवा किसी की मदद कर के उस पर अहसान कर रहें हैं 
    तो ऐसा सोच कर हम बहुत बड़ी गलती कर रहे होते हैं क्योंकि 
    उस वक़्त सामने वाले का भाग्य हमारे द्वारा कुछ न कुछ उस 
    के लिए करवा रहा होता है,और यह एक अटल सत्य है*** 



 4. अगर हम जिन्दगी में पूरी ईमानदारी से काम करते हैं तो उस वक़्त 
     देश ,दुनिया व् समाज का भला तो हो ही रहा होता है,पर सब से 
    ज्यादा भला किसी का हो रहा होता है तो वो स्वयं का हो रहा होता 
    है,क्योंकि जब हम पूरी ईमानदारी से जिन्दगी का निर्वाह कर रहें 
    होतें हैं ,तो उस वक़्त हमारे भीतर कैसी दिव्य ऊर्जा और तेज का
    का संचार होता है जिस को हम किसी के आगे अपनी जुबान से 
    व्यान नही कर सकते| और यह भी एक अटल सत्य है की एक 
    ईमानदार इंसान के सामने असत्य अपने -आप निस्तेज हो जाता 
    है***                   

5. आज जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत है,वो है प्यार और भाईचारे से 
    मिलजुल कर इकट्ठे रहने की अगर हम ऐसा करने में पूरी तरह से 
    कामजाब हो जातें हैं,तो फिर हमें यह संशय नहीं करना चाहिये की 
    हम इस पूरी दुनिया से सामाजिक ,आर्थिक,मानसिक और कई भी 
   तरह की अपराधिक विरितियों को दूर नहीं कर सकते,क्योंकि आपसी  
    प्रेम और प्रगाढ़ भाईचारा ही ऐसी रामबाण औषधी है ,जिस से कुछ 
    भी असम्भव नहीं***          


6. अगर हम चाहते हैं की जिन्दगी में कोई हमारा आसरा बने या हमारा 
    कोई साथ दे तो हमें भी किसी को आसरा अथवा किसी को साथ देना 
    चाहीए,अगर हम ऐसा नहीं करते तो फिर हमारा किसी दुसरे से ऎसी 
    अपेक्षा करना व्यर्थ है।


7. अगर हमारे मन में ऐसी भावना हो की कोई हमें हमेशा याद रखे 
    अथवा याद करे तो फिर एक पवित्र भावना हमारे मन में यह भी 
    होनी चाहीए की अगर हमें दुनिया में याद किया जाये तो वो सिर्फ़ 
    हमारे नेक और भले कर्मो के लिए याद किया जाये न की हमारे बुरे 
    कुकर्मों के लिए याद किया जाये। 
 
  



    
    


     








 

















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