WE CAN SAVE & SECURE OUR SELF & OTHER'S
HEALTH BY FOLLOW THE FOLLOWING TIPS:-
1. ALWAYS TAKE BOILED OR PURIFIER-WATER.
2. ALWAYS USE ANTI-BACTERIAL LIQUID SOAPS.
3. ALWAYS USE PERSONAL TOWELS & HANKIES.
4. ALWAYS USE PHENOL FOR CLEANING PURPOSES.
5. ALWAYS TAKE FRESH 'N'CLEAN FRUITS &
VEGETABLES.
6. ALWAYS TAKE FRESH MADE FOOD.
7. ALWAYS WEAR SAFETY MASK OUT DOOR SIDE.
8. ALWAYS USE DISPOSABLE WHEN ON EXIT.
9. ALWAYS USE PERSONAL WEAR CLOTHS & SHOES.
10.ALWAYS USE DUSTBIN FOR GARBAGE.
11.TAKE TINOSPORA CORDIFOLIA [GILOY] TO
PREVENT FROM SWINE-FLU.
12.POSSIBLE TO AVOID PUBLIC GATHERING &
EFFECTED PEOPLE.
13.USES OF DAIRY PRODUCTS SHOULD BE MINIMUM.
14.BE AWARE FROM DUST & DIRT.
15.REGULAR EXAMINING OF HEALTH VIA DOCTOR.
16.THERE MUST BE PROPER CLEANLINESS & HYGIENE
OF PUBLIC TOILET & WASH-ROOMS.
17.AVOID SHAKE HAND TO EACH OTHER.
TODAY POLLUTION'S PREVENTION IS THE BIGGEST
CHALLENGE ALL AROUND THE WORLD BECAUSE
OUR LIFE STYLE IS SO FAST & BUSY AND NO BODY
HAS SUCH TIME TO THINK OVER IT AND DAY BY
DAY INCREASING GRAPH OF MANY TYPES OF
POLLUTION WOULD TURN OUR LIFE WITH VARIOUS
KINDS OF CHALLENGES WHICH WOULD VERY PAIN
FULL FOR OUR HEALTH AND OUR SURROUNDING
ENVIRONMENT AND NOW THE RIGHT TIME TO
ALERT ABOUT POLLUTION'S CHALLENGE AND WE
HAVE TO TRY OUR BEST TO STRUGGLE WITH THIS
TYPE OF POISONOUS CHALLENGE,IF WE WILL'NT
WAKE UP NOW THEN HOW CAN WE SECURE OUR-
SELVES, NEXT-GENERATION LIFE AND UNIVERSE
ENVIRONMENT ALSO.
AT PRESENT MANY TYPES OF POLLUTION
GIANTS LIKE AIR POLLUTION,NOISE POLLUTION,
INDUSTRIAL POLLUTION,WATER POLLUTION AND
MANY OTHER SUCH POLLUTION S WHICH INCREASING
DAY BY DAY AND THIS IS THE MAJOR CAUSE OF
OURSELVES SELFISHNESS & IGNORANCE AND
RIGHT NOW WE HAVE TO FOLLOW ALL TYPES OF
PRECAUTIONS TO PREVENT ALL TYPES OF
POLLUTION S TO SAVE & SECURE UNIVERSE AND
THIS WILL BE GREAT HELP OF HUMANS FOR THEIR
UNIVERSE.
WE ALL HAVE TO REMEMBER THIS WORDS
ALWAYS THAT LIVE AND LET LIVE...........THANKS A LOT.
आज अगर कोई भी सफाई अभियान जैसे श्रेष्ठ और अति-
अनिवार्य कार्य शुरू करने की पहल करता है,तो उस वक़्त
हम यह सोचें की उस सफाई अभियान में हमारा कोई भी
कर्तव्य नहीं है,तो उस वक़्त हम गलत सोचते हैं,क्योंकि
कोई भी कार्य शुरू करने की पहल कोई एक करता है,लेकिन
जब हम सभी मिल कर उस कार्य को पूरा के लिए ईमानदारी
से एक दूसरे का साथ नहीं देते,तब तक किसी भी कार्य को पूरा
करना एक सपनें जैसा ही होता है। इस लिए कोई भी कार्य जो
मानव मात्र के स्वस्थ् और उज्जवल भविष्य के लिए हो उसे
पूरा करने के लिए भी हर एक इन्सान की जरूरत होती है,और
ऐसा करना ही इन्सानी सभ्यता का प्रतीक होता है।
अगर सफाई रखने की शुरूआत अपने-अपने घरों से शुरू हो
तो फिर हमें अपने पूरे आस-पड़ोस,शहर,देश और सारी दुनिया
में सफाई रखने के लिए कोई बहुत ज़्यादा मेहनत करने की
जरूरत नहीं होगी। घर पर सफाई रखने के लिए कुछ छोटी-छोटी
पर महत्बपूर्ण बातें जो हमारी सेहत और पर्यावरण को ठीक
रखने के लिए जरूरी :-
1. घर का कूड़ा-कचरा इधर-उधर ना फैंकें बल्कि एक ही जगह
पर ढक कर रखें।
2. बाश रूम और शौचालय हर वक़्त साफ़ सुथरे रखें,ताकि उन
में बैक्टीरिया और मश्चर आदि ना पनपें।
3. फर्श को साफ़ करने के लिए फिनाइल का उपयोग जरूर करें।
4. एक दूसरे के साबुन ,वस्त्र ,टॉवल और शेविंग ब्लेड का उपयोग
न करें।
5. बीमार वयक्ति से उचित दूरी जरूर रखें।
6. एक दूसरे का जूठा न खाएं।
7. किसी भी तरह का खुला ना छोड़ें।
8. रसोई घर में खाना बनातें समय साफ़ सफाई का ख़ास ध्यान रखें।
9. बच्चों को खुले में बाथरूम और शौच न करने दें।
10. घर की सफाई करते वक़्त मुँह पर कपड़ा और दस्तानें जरूर
पहनें।
11. घर का फालतू सामान किसी एक जगह ढक कर रखें।
12. घर के पालतू जानवरों को किसी सुनिश्चित जगह पर ही रखें।
13. पायदानों का इस्तेमाल जरूर करें।
14. छींकते और खासतें वक़्त मुँह पर कपड़ा रखें।
15. जूतों को एक सुनिश्चित जगह पर रखें।
16. रेफ्रीजिरेटरों और एयर कूलरों की नियत समयनुसार साफ़
सफाई जरूर करें।
17. कुछ भी खाने से पहले हाथ मुँह साबुन से जरूर साफ़ करें।
18. किसी भी तरह का कचरा अपनी गलियों कूचों में इधर उधर
ना फैलायें ,और पडोसियों को भी ऐसा करने से मना करें।
19. अपने अपने घरों की बाहरी तरफ भी साफ़ सफाई का पूरा
पूरा ध्यान रखें।
20. साल में एक बार घर की पूरी तरह से साफ़ सफाई जरूर करें।
21. घर में इधर उधर न थूकें।
22. बाहर की धूल मिंट्टी से बचने के लिये कमरों दरवाजों के
आगे पर्दे जरूर लगायें।
23. घर में बिना वजह फालतू कचरा पैदा न करें।
सड़क पर बहुत भीड़ जमा थी,तनिक रुक कर देखा की कोई
मज़दूर किसी बिल्डिंग पर काम करते वक़्त अचानक नीचे
आ गिरा था,और खून से लथ पथ सुन्न सा पड़ा था ,की
कोई एक बोला की बेचारा चल बसा है,और यह बात सुनते
ही सब भीड़ इधर-उधर बिखरने लगी,और तब दिखा की एक
औरत और एक छे -सात साल का बच्चा बिलख-बिलख कर
रो रहे थे लेकिन एक परमात्मा के सिवाए उनको चुप करवाने
वाला कोई नहीं था,औरत आँखों मे लाचारी के आँसू लिए
सहायता के लिये पुकार रही थी और जिस -जिस की नज़र
उधर पड़ती थी वो सब आँखों में बेदर्द सी नज़र लिए वहां से
खिसकते नज़र आ रहे थे ,की अचानक एक पतला-दुबला सा
चलने में भी लाचार सा भिखारी उस मरे पड़े इंसान को देख
वहीं रुक गया और औरत और बच्चे की लाचार हालत को
देख कर सहज ही उस की आँखों से इंसानियत के आंसू बह
निकले और वो सोचने लगा की मैंने जो आज भीख मांग
कर पैसे इक्क्ठे किये हैं वो मैंने अपने इस शरीर को जिन्दा
रखने के लिये किये हैं लेकिन आज इस बेरहम दुनिया में
जिन्दा रहने में इतनी सार्थकता नहीं बल्कि एक बेसहारा
को सहारा देने में ही हमारे जीवन की सार्थकता है,और फिर
उस भिखारी ने अपनी मैली सी चादर अपने शरीर से उतार
कर मृतक को ढक दिया और अपनी मांगी हुई भीख की
पोटली उस औरत के हाथों में थमा दी और अपनी आँखों
में गंगा-यमुना जैसे पवित्र आँसू लिए आगे बढ़ गया----।
{ आज की दुनिया में इंसानो की कमी नहीं इंसानीयत की कमी है कृपया इंसानियत
का दामन थामिये--------धन्यवाद }