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Wednesday, September 24, 2014

वचाव में वचाव !!!

वचाव  में  वचाव !!!





एक बात अक्सर कही जाती  है की बचाव में ही बचाव है, पर यह बात कभी नहीं की जाती आओ अपनी अच्छी

अच्छी आदतों पर ध्यान दें, क्योंकि जब तक हम अपनी अच्छी आदतों पर ध्यान नहीं करते,तब तक हमारे से

किसी भी तरह का बचाव हो सके ऐसा सम्भव ही नहीं हो सकता,क्योंकि जब भी कोई अनहोनी होती है,उसका

एक ही कारण होता है, और वो है हमारी जरा सी  अथवा बड़ी  लापरवाही, जिस पर हम जाने अनजाने ध्यान

नहीं देते। जब हम बात करते है की यह सारी दुनिया परमात्मा ने बनाई है,तो  उसी प्रकार हमें इस बात पर

भी ध्यान ज़रूर देना चाहिऐ कि यह सारी भौतिक दुनिया के क़ायदे कानून भी स्वयं हमारे द्वारा अथवा

अन्य दूसरे इंसानों द्वारा ही बनाए हुए होते हैं,और इन कायदे कानूनों को बनाने का बस एक ही कारण होता

है,कि हम सब इंसान इन कायदों कानूनों द्वारा सुऱक्षित रह सकें। लेकिन जब तक हम इन कायदों कानूनों '

पूरा-पूरा लाभ लेने के लिये अपने भीतर सुरक्षित और अच्छी आदतों को स्थान नहीं देते, अथवा

उनका पालन नहीं करते,तब हम यह बात करें अथवा हमारे हर तरफ़ यह लिखा-लिखा कर रखें कि बचाव में

ही बचाव है,तो उस वक़्त हमारा सब कुछ पढ़ा लिखा व्यर्थ साबित हो जाता है।

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