विश्व
नागरिता ''
आज के समय में सब विवादों का मूल कारण एक ही है ,की आज का मानव एक ही
परिवार ,एक ही समाज और एक ही देश का नागरिक बन के रह गया है !
जब की हर इंसान को एक देशीता को त्याग कर सारी दुनिया का नागरिक
होने की सोच रखनी चाहिए ,क्यों कि जब सारी दुनिया को बनाने वाला एक
ही परम पिता परमात्मा है तो उसके ही बनाए हुए इंसान में एक
देशीता क्यों ? आज के समय में जो-जो सामाजिक बुराईयाँ जन्म ले
चुकीं हैं या ले रहीं हैं , उनको तब तक समाप्त नहीं किया जा सकता !
जब तक दुनिया का हर एक मानव अपने में विश्व मानव होने की भावना
उत्त्पन नहीं करता !
''आज के हालात को -अगर समझे इंसान ,
तो फिर दूर नहीं - विश्व का दिव्य निर्माण !''
नागरिता ''
आज के समय में सब विवादों का मूल कारण एक ही है ,की आज का मानव एक ही
परिवार ,एक ही समाज और एक ही देश का नागरिक बन के रह गया है !
जब की हर इंसान को एक देशीता को त्याग कर सारी दुनिया का नागरिक
होने की सोच रखनी चाहिए ,क्यों कि जब सारी दुनिया को बनाने वाला एक
ही परम पिता परमात्मा है तो उसके ही बनाए हुए इंसान में एक
देशीता क्यों ? आज के समय में जो-जो सामाजिक बुराईयाँ जन्म ले
चुकीं हैं या ले रहीं हैं , उनको तब तक समाप्त नहीं किया जा सकता !
जब तक दुनिया का हर एक मानव अपने में विश्व मानव होने की भावना
उत्त्पन नहीं करता !
''आज के हालात को -अगर समझे इंसान ,
तो फिर दूर नहीं - विश्व का दिव्य निर्माण !''